

आजकल अखिलेश यादव मौन हैं. मौन इसलिए नहीं हैं की वो विदेश में हैं, वो मौन इसलिए हैं की बात वोट बैंक की है. जो अखिलेश यादव हर मुद्दे पर खुलकर बात करते हैं और ट्वीट करते हैं, वो शांत हैं और शांत भी ऐसे की मानो कुछ हुआ ही ना हो. लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है. ये बात तो उनके परिवार की है, ये बात उनकी अर्धांगिनी की है, जिनके मान-सम्मान पर टिप्पणी की गई है और ये टिप्पणी किसी आम व्यक्ति ने नहीं बल्कि एक मौलाना ने की है, मौलाना का नाम साजिद रशीदी है. ऐसे में अखिलेश यादव की इस चुप्पी पर हैरानी होती है कि जो व्यक्ति बीच सड़क पर एक हिंदू संत से तू-तू, मैं-मैं करता हो, वो एक मौलाना की टिप्पणी पर चुप हैं.
हिंदू संत से तू-तू-मैं-मैं
दरअसल, हम बात कर रहे हैं अखिलेश यादव की अनिरुद्धाचार्य महाराज से हुई बहस की. एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ, जिसमें अखिलेश यादव कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज से बहस कर रहे हैं. वायरल वीडियो देखने वाला कोई भी व्यक्ति यह आसानी से समझ सकता है कि अखिलेश यादव मन बनाकर अनिरुद्धाचार्य से बहस कर रहे हैं और उन्हें अपमानित करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन मौलाना ने जो अखिलेश यादव की पत्नी को लेकर टिप्पणी की, उसपर उनकी जुबां तक नहीं खुल रही है. यही वजह है कि डिंपल यादव पर की गई टिप्पणी को लेकर बीजेपी मैदान में उतर गई है.